बिहार की राजनीति में आस्था और सियासत का संगम देखने को मिला जब बेगूसराय विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी और महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष अमिता भूषण ने अपने आवास पर छठ महापर्व के अवसर पर विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। उन्होंने सूर्योपासना के इस पर्व पर न केवल अपने परिवार और समाज के कल्याण की कामना की बल्कि बिहार में महागठबंधन की जीत और प्रदेश के समग्र विकास के लिए भी छठ मैया से आशीर्वाद मांगा। अमिता भूषण ने इस अवसर पर कहा कि “छठ महापर्व केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि यह एक ऐसी परंपरा है जो उम्मीद, संयम और विश्वास का प्रतीक है। जिस प्रकार अस्त होते सूरज को अर्घ्य दिया जाता है, वैसे ही यह पर्व सिखाता है कि हर अंत में एक नई शुरुआत छिपी होती है।” उन्होंने बताया कि उनका पूरा परिवार वर्षों से इस पर्व को श्रद्धा और निष्ठा के साथ मनाता आ रहा है और इस बार यह पूजा बिहार की जनता की खुशहाली और एक नई सुबह की उम्मीद के लिए समर्पित है।
“छठ मैया की कृपा से बनेगी महागठबंधन की सरकार”
पत्रकारों से बातचीत में अमिता भूषण ने कहा कि वे मानती हैं कि छठ मैया की कृपा से इस बार बिहार में महागठबंधन की सरकार बनेगी। उन्होंने कहा, “छठ मैया हमें सिखाती हैं कि उम्मीद कभी नहीं छोड़नी चाहिए। जैसे डूबते हुए सूरज को भी अर्घ्य दिया जाता है, वैसे ही जीवन में कठिनाइयों के बावजूद हमें आशा बनाए रखनी चाहिए। मुझे विश्वास है कि महागठबंधन की नीतियां बिहार को नई दिशा देंगी।” उन्होंने आगे कहा कि “माई बहिन योजना” के तहत महिलाओं को हर महीने ₹2500 की सहायता देने का वादा महिला मतदाताओं में नई उम्मीद जगाता है। उनका कहना था कि महिलाएं समाज की रीढ़ हैं, और जब वे सशक्त होंगी, तभी राज्य का विकास संभव होगा। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों की योजनाओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि “चुनाव से ठीक पहले महिलाओं और उद्यमियों के लिए जो नई योजनाएं लाई जा रही हैं, वे केवल वोट पाने की रणनीति हैं, न कि दीर्घकालिक विकास का प्रयास।”
“बिहार आगे बढ़ेगा तो सबका होगा कल्याण”
अमिता भूषण ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार की तरक्की किसी एक वर्ग या क्षेत्र की नहीं बल्कि पूरे राज्य की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, “अगर बिहार आगे बढ़ेगा तो हर व्यक्ति का जीवन बेहतर होगा। विकास का अर्थ केवल सड़कों और पुलों से नहीं, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण से है।” उन्होंने बेरोजगारी और पलायन को राज्य की सबसे बड़ी चुनौतियां बताया और कहा कि इन मुद्दों से निपटने के लिए महागठबंधन ने ठोस योजनाएं बनाई हैं। उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता होगी कि हर घर तक शिक्षा और रोजगार की पहुंच सुनिश्चित हो, ताकि युवाओं को अपने ही राज्य में अवसर मिल सके। पूजा समाप्ति के बाद स्थानीय लोगों से मुलाकात करते हुए उन्होंने कहा कि छठ मैया से यही प्रार्थना है कि बिहार में एक ऐसी सरकार बने जो जनता की उम्मीदों पर खरी उतरे, किसानों और महिलाओं को सम्मान दे और राज्य को आत्मनिर्भर बनाए। छठ घाटों से लेकर सड़कों तक माहौल पूरी तरह आस्था और उत्साह से भरा है, और इसी के बीच अमिता भूषण का यह संदेश लोगों में नई ऊर्जा भरने वाला साबित हो रहा है कि “भक्ति और राजनीति दोनों का उद्देश्य एक ही होना चाहिए-जनकल्याण और समाज की भलाई।”




