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शाह बोले- यह चुनाव विधायक नहीं, बिहार का भविष्य तय करेगा: गोपालगंज में वर्चुअल सभा से कहा- जंगलराज के दौर में हुए 34 नरसंहार, बंद चीनी मिलें फिर चालू होंगी

अमित शाह ने खराब मौसम के कारण वर्चुअल रैली से जनता को किया संबोधित, कहा – “लालू राज ने बिहार को रक्तरंजित किया, अब मोदी-नीतीश सरकार विकास का पर्याय है”

Amit Shah addressing virtual rally in Gopalganj Bihar ahead of Bihar Election 2025

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को गोपालगंज जिले में वर्चुअल माध्यम से चुनावी जनसभा को संबोधित किया। खराब मौसम के कारण उनका हेलिकॉप्टर पटना से उड़ान नहीं भर सका, जिसके बाद उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मतदाताओं से संवाद किया। अपने करीब 5 मिनट के संबोधन में शाह ने कहा, “यह चुनाव विधायक चुनने का नहीं, बल्कि बिहार का भविष्य तय करने का है। बिहार किसके हाथों में रहेगा-उनके, जिन्होंने जंगलराज का भय फैलाया, या उनके, जिन्होंने मोदी और नीतीश जी के नेतृत्व में राज्य को विकास की दिशा में आगे बढ़ाया?”
शाह ने कहा कि एनडीए सरकार ने बिहार में कानून-व्यवस्था को नई दिशा दी है। उन्होंने आरजेडी शासन की याद दिलाते हुए कहा, “साधु यादव के कारनामे गोपालगंज वाले सबसे अच्छे से जानते हैं। जंगलराज के दौर में बिहार नरसंहारों से दहला हुआ था-बथानी टोला, सोनारी, शंकरबीघा जैसे 34 नरसंहारों ने इस धरती को रक्तरंजित किया। आज बिहार शांति और विकास के मार्ग पर है, क्योंकि नीतीश जी ने लालू के आतंक को समाप्त कर दिया।”
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बिहार में लगातार विकास के कार्य हुए हैं। उन्होंने वादा किया कि “बंद पड़ी सभी चीनी मिलों को अगले 5 साल में चालू किया जाएगा। रीगा चीनी मिल को चालू करने का काम शुरू हो चुका है, और अब बाकी मिलों को भी पुनः शुरू किया जाएगा ताकि किसानों को आर्थिक मजबूती मिले।”

एनडीए सरकार की उपलब्धियां और भविष्य की योजनाएं

अमित शाह ने कहा कि एनडीए सरकार ने बिहार में विकास के कई आयाम गढ़े हैं। उन्होंने बताया कि गोपालगंज जिले में 2,200 करोड़ रुपये की लागत से डुमरिया घाट से पटना तक एक्सप्रेसवे का निर्माण हो रहा है। हथुआ में 340 करोड़ रुपये की लागत से एक आधुनिक एलपीजी बॉटलिंग प्लांट बनाया गया है। साथ ही सबेया हवाई अड्डे पर जल्द ही उड़ान सेवाएं शुरू की जाएंगी। शाह ने बताया कि “हमने 131 करोड़ रुपये की लागत से मीरगंज बाईपास सड़क के लिए प्रशासनिक स्वीकृति दी है। छपरा-गोपालगंज खंड को चार लेन तक विस्तारित किया जा रहा है, और थावे जंक्शन का जीर्णोद्धार भी जारी है।”
उन्होंने आगे कहा कि “एनडीए सरकार ने बिहार को पिछड़ेपन से निकालकर विकास की पटरी पर लाने का काम किया है। यह सरकार केवल वादे नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर काम करती है। जहां पहले अपहरण, लूट और हत्या आम बात थी, वहीं आज निवेश, उद्योग और रोज़गार की चर्चा हो रही है।”
शाह ने जनता को यह भी याद दिलाया कि मोदी सरकार ने बिहार के किसानों और महिलाओं के लिए विशेष योजनाएं शुरू की हैं। उन्होंने कहा कि “1.41 करोड़ जीविका दीदियों के खाते में 10,000 रुपये डाले जा चुके हैं, और यह राशि 2 लाख रुपये तक पहुंचाई जाएगी। वहीं, किसानों को मिलने वाले 6,000 रुपये सालाना की राशि में अब 3,000 रुपये और जोड़े जाएंगे, जिससे किसानों को 9,000 रुपये प्रति वर्ष मिलेंगे।”

“जंगलराज से विकासराज तक की यात्रा मोदी-नीतीश की देन”

शाह ने अपने संबोधन में बिहार की राजनीति के पुराने दौर को याद करते हुए कहा कि “लालू-राबड़ी राज में बिहार को हिंसा और भय के साए में जीना पड़ा। नालंदा, लखीसराय और मुंगेर में जनता से मिलने पर मुझे एहसास हुआ कि लोग आज भी उस दौर को नहीं भूले हैं।” उन्होंने कहा कि “लालू राज में 38 नरसंहार हुए, हजारों लोग मारे गए, व्यापार ठप पड़ गया और शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई थी। मगर आज वही बिहार उद्योग, सड़क, बिजली, पानी और महिला सशक्तिकरण के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है।”
शाह ने नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जोड़ी को “विकास की गारंटी” बताते हुए कहा कि “नीतीश जी के नेतृत्व में बिहार ने कानून का राज स्थापित किया है। जो लोग एक बार फिर जंगलराज लाना चाहते हैं, उन्हें जनता अब कभी मौका नहीं देगी।”
सभा में मौजूद बीजेपी नेताओं ने भी शाह के भाषण को एनडीए के लिए उत्साहवर्धक बताया। रिपोर्टर अटल बिहारी के अनुसार, हालांकि मौसम खराब होने के कारण सभा स्थल पर कुछ कुर्सियां खाली रहीं, लेकिन वर्चुअल प्रसारण के माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों ने भाषण सुना।
शाह ने अंत में कहा, “हमारा घोषणापत्र बिहार के विकास का ब्लूप्रिंट है। यह चुनाव सिर्फ सरकार बदलने का नहीं, बल्कि बिहार के भविष्य को सुरक्षित करने का है। जनता ने 20 साल पहले जंगलराज को खत्म किया था, अब उसे वापस आने से रोकना है।”

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