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एशिया कप 2025: संजू सैमसन की जगह खतरे में, अश्विन बोले – “गिल उप-कप्तान बने तो सैमसन नहीं खेलेंगे”

एशिया कप 2025: संजू सैमसन की जगह खतरे में

भारत की एशिया कप 2025 टीम चयन को लेकर चर्चा तेज हो गई है। टीम के ऐलान के बाद अनुभवी ऑफ़ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने अपने यूट्यूब शो ‘अश की बात’ में खिलाड़ियों की स्थिति पर बेबाक राय रखी। उन्होंने साफ कहा कि उप-कप्तान बनाए जाने के बाद शुभमन गिल का खेलना लगभग तय है, और इसी वजह से संजू सैमसन की जगह खतरे में पड़ गई है।

गिल को उप-कप्तान बनाना बड़ा संकेत

अश्विन ने कहा, “सबसे दुखद बात यह है कि गिल को उप-कप्तान घोषित कर दिया गया है। ऐसे में सैमसन का खेलना मुश्किल होगा। शुभमन गिल जरूर ओपनिंग करेंगे और उनकी जगह पक्की है।”

गौरतलब है कि शुभमन गिल ने आईपीएल में गुजरात टाइटन्स के लिए शानदार प्रदर्शन किया है और उनके पास रन बनाने का बेहतरीन रिकॉर्ड है। चयनकर्ताओं ने उनके प्रदर्शन और निरंतरता को देखते हुए उन्हें उप-कप्तान की जिम्मेदारी दी है।

सैमसन और अभिषेक शर्मा की जोड़ी रही है सफल

पिछले कुछ समय में संजू सैमसन और अभिषेक शर्मा की जोड़ी ने भारत के लिए टी20 इंटरनेशनल मैचों में आक्रामक शुरुआत दी है। दोनों ने पावरप्ले में तेज़ रन बनाकर टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। लेकिन गिल के आने के बाद टीम मैनेजमेंट को कठिन फैसला लेना होगा क्योंकि दोनों ही खिलाड़ी ओपनिंग पोजीशन पर खेलते हैं।

चयनकर्ताओं का काम आसान नहीं – अश्विन

अश्विन ने चयनकर्ताओं की मुश्किलों को भी स्वीकारा। उन्होंने कहा, “देखिए, चयन करना बहुत मुश्किल और अक्सर कृतघ्न काम होता है। किसी खिलाड़ी को टीम से बाहर करना, उसे बताना कि वह चयनित नहीं है – यह आसान नहीं होता। इसके लिए खिलाड़ियों से बात करनी पड़ती है और उनके दुख को समझना पड़ता है।”

उन्होंने उम्मीद जताई कि चयनकर्ताओं ने बाहर किए गए खिलाड़ियों से बातचीत की होगी और उन्हें कारण समझाया होगा।

जायसवाल और अय्यर के लिए दुखी

अश्विन ने टीम से बाहर किए गए यशस्वी जायसवाल और श्रेयस अय्यर के लिए चिंता जताई। उन्होंने कहा, “टी20 विश्व कप 2024 में जायसवाल तीसरे ओपनर थे। ऐसे में उन्हें हटाकर गिल को लाना ठीक है, लेकिन यह दोनों खिलाड़ियों के लिए अनुचित है। मैं गिल के चयन से खुश हूं लेकिन जायसवाल और अय्यर के लिए बहुत दुखी हूं।”

भविष्य के कप्तान के रूप में गिल?

अश्विन ने यह भी संकेत दिया कि चयनकर्ता गिल को भविष्य का नेता मान रहे हैं। उनके अनुसार, “शायद टीम मैनेजमेंट गिल को सभी प्रारूपों में भविष्य का कप्तान मान रहा है। हालांकि, यह ज़रूरी नहीं है कि हर फॉर्मेट में एक ही कप्तान हो।”

सैमसन के करियर पर असर

संजू सैमसन लंबे समय से भारतीय टीम में मौके पाने के लिए संघर्ष करते रहे हैं। भले ही उन्होंने हाल के मैचों में आक्रामक बल्लेबाजी से अपनी जगह बनाने की कोशिश की, लेकिन गिल की उप-कप्तानी और मजबूत पोजीशन ने उनकी स्थिति कमजोर कर दी है।

यह भी सच है कि सैमसन की बल्लेबाजी शैली आक्रामक है और वह टीम को तेज़ शुरुआत दे सकते हैं, लेकिन चयनकर्ताओं की प्राथमिकता फिलहाल गिल और अभिषेक शर्मा की ओर झुकती दिख रही है।

संतुलन साधने की चुनौती

भारतीय टीम मैनेजमेंट के सामने सबसे बड़ी चुनौती संतुलन साधने की है। एक ओर जहां उन्हें अनुभवी और लगातार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को मौका देना है, वहीं दूसरी ओर युवा खिलाड़ियों को भी उचित अवसर देना होगा।

जायसवाल और अय्यर जैसे युवा खिलाड़ियों ने हाल ही में अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन टीम की रणनीति और भविष्य की योजना के चलते उन्हें बाहर बैठना पड़ा।

फैंस और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया

फैंस के बीच इस चयन को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। एक वर्ग का मानना है कि गिल का उप-कप्तान बनना उनके लिए सही निर्णय है और इससे टीम को स्थिरता मिलेगी। वहीं, दूसरे का मानना है कि सैमसन और जायसवाल जैसे खिलाड़ियों के साथ अन्याय हुआ है।

कई क्रिकेट विशेषज्ञों ने भी यही सवाल उठाया है कि क्या गिल को उप-कप्तान बनाना सही कदम था, या फिर खिलाड़ियों के आत्मविश्वास को बनाए रखने के लिए किसी अन्य तरह की रणनीति अपनानी चाहिए थी।

एशिया कप के लिए बढ़ी प्रतिस्पर्धा

एशिया कप 2025 भारत के लिए महत्वपूर्ण टूर्नामेंट है। यहां टीम केवल जीत की रणनीति ही नहीं बना रही, बल्कि 2026 टी20 विश्व कप की तैयारियों पर भी नज़र रख रही है। ऐसे में हर खिलाड़ी के लिए जगह बनाना आसान नहीं होगा।

गिल की उप-कप्तानी ने यह साफ कर दिया है कि ओपनिंग स्लॉट पर प्रतिस्पर्धा और भी कड़ी हो गई है। सैमसन को यदि टीम में बने रहना है तो उन्हें अपनी बल्लेबाजी में निरंतरता और बड़ा प्रभाव दिखाना होगा।

आर. अश्विन की टिप्पणियों ने एक बार फिर भारतीय क्रिकेट टीम में चयन की जटिलताओं को उजागर किया है। शुभमन गिल का चयन और उप-कप्तान बनाया जाना निस्संदेह उनके प्रदर्शन का परिणाम है, लेकिन इससे संजू सैमसन, यशस्वी जायसवाल और श्रेयस अय्यर जैसे खिलाड़ियों पर दबाव बढ़ गया है।

आगामी एशिया कप न केवल खिलाड़ियों की प्रतिभा का इम्तहान होगा, बल्कि चयनकर्ताओं की रणनीति और टीम मैनेजमेंट की सोच को भी परखेगा।