नवरात्रि का पावन पर्व शुरू हो चुका है। हर दिन एक अलग रंग और उसका विशेष महत्व होता है। पहले दिन यानी प्रथम शक्ति शैलपुत्री माता की उपासना की जाती है और इस दिन श्वेत (सफेद) रंग पहनने की परंपरा है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिर्फ़ परंपरा ही नहीं, श्वेत पहनना आपके मन, शरीर और ऊर्जा पर गहरे असर डालता है? आइए जानते हैं नवरात्रि में श्वेत पहनने के 5 बड़े लाभ –
1. मन को शांति और स्थिरता
सफेद रंग मानसिक शांति और स्थिरता का प्रतीक है। नवरात्रि के पहले दिन जब हम देवी की उपासना में बैठते हैं, तो श्वेत परिधान मन को शांत करता है और ध्यान व भक्ति को गहराई देता है।
2. सकारात्मक ऊर्जा का संचार
श्वेत रंग एनर्जी एब्ज़ॉर्बर की तरह काम करता है। यह आपके चारों ओर की नकारात्मक ऊर्जा को सोखकर सकारात्मक कंपन फैलाता है। यही कारण है कि मंदिरों, पूजा स्थलों और योगाभ्यास में सफेद वस्त्रों का महत्व अधिक है।
3. पवित्रता और सादगी का प्रतीक
नवरात्रि साधना का समय है। इस दौरान मन और शरीर को शुद्ध रखने की सलाह दी जाती है। श्वेत वस्त्र पहनने से सादगी और पवित्रता का भाव बढ़ता है, जो उपासना को और प्रभावशाली बनाता है।
4. स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर
रंग चिकित्सा (कलर थैरेपी) के अनुसार, सफेद रंग शरीर के तापमान को संतुलित करता है और थकान को कम करता है। नवरात्रि उपवास के समय यह शरीर को हल्का और ऊर्जावान बनाए रखने में मदद करता है।
5. देवी शैलपुत्री की कृपा प्राप्ति
श्वेत रंग माता शैलपुत्री का प्रिय रंग माना जाता है। इस दिन सफेद परिधान धारण करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में नए आरंभ का आशीर्वाद मिलता है।
नवरात्रि का हर दिन अपने रंग और महत्व के कारण खास है। पहले दिन श्वेत पहनना सिर्फ़ परंपरा नहीं, बल्कि मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा, स्वास्थ्य और आध्यात्मिक साधना से गहराई से जुड़ा हुआ है।
तो इस नवरात्रि, अपने वॉर्डरोब में श्वेत को ज़रूर जगह दें और देवी शक्ति की विशेष कृपा पाएं।
हम आपके लिए नवरात्रि के हर दिन से जुड़े रंग और उनके लाभ पर नियमित अपडेट लाते रहेंगे। जुड़े रहिए और माँ दुर्गा की आराधना को और गहराई से समझते रहिए।