नवरात्रि (नौ रातों का त्योहार) हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है, जो देवी पार्वती या मां दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित है। नवरात्रि का आठवां दिन देवी महागौरी को समर्पित है। मां महागौरी का स्वरूप बेहद सुंदर, शांत और शुद्ध होता है।
मां महागौरी को शुद्धता, समृद्धि और पुण्य की देवी माना जाता है। उनका रूप सफेद वस्त्र और उज्जवल रंगों से आलंकृत होता है।
मां महागौरी कथा (Maa Mahagauri Vrat Katha)
देवी भागवत पुराण के अनुसार, माता पार्वती अपनी तपस्या के दौरान केवल कंदमूल फल और पत्तों का आहार करती थीं। बाद में माता ने केवल वायु पीकर ही तप करना आरंभ कर दिया था। तपस्या से माता पार्वती को महान गौरव प्राप्त हुआ है और इससे उनका नाम महागौरी पड़ा। माता की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनको गंगा में स्नान करने के लिए कहा। जिस समय माता पार्वती गंगा में स्नान करने गईं, तब देवी का एक स्वरूप श्याम वर्ण के साथ प्रकट हुआ, जो कौशिकी कहलाईं और एक स्वरूप उज्ज्वल चंद्र के समान प्रकट हुआ, जो महागौरी कहलाईं। मां गौरी अपने हर भक्तों का कल्याण करती हैं और उनकी सभी समस्याओं से मुक्ति दिलाती हैं। देवी भागवत पुराण के अनुसार, महागौरी का वर्ण रूप से गौर अर्थात सफेद हैं और इनके वस्त्र व आभूषण भी सफेद रंग के ही हैं। मां का वाहन वृषभ अर्थात बैल है, जो भगवान शिव का भी वाहन है। मां का दाहिना हाथ अभय मुद्रा में है और नीचे वाले हाथ में त्रिशुल है। महागौरी के ऊपर वाले हाथ में डमरू है। डमरू धारण करने के कारण मां को शिवा के नाम से भी जाना जाता है। मां का नीचे वाला हाथ अपने भक्तों को अभय देता हुआ वर मुद्रा में हैं और मां शांत मुद्रा में दृष्टिगत है।
महागौरी मां का मंत्र
मां महागौरी की पूजा नवरात्रि के आठवें दिन की जाती है जिसमें उनके मंत्रों का जाप किया सकता है –
- या देवी सर्वभूतेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
- वन्दे वांछित कामार्थे चन्द्रार्घकृतशेखराम्। सिंहारूढा चतुर्भुजा महागौरी यशस्विनीम्
- श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः। महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा
- सर्वमङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोsस्तुते
- ऊँ देवी महागौर्यै नमः
या देवी सर्वभूतेषु मां महागौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
महागौरी स्तुति
शांति और सौंदर्य की देवी,
भक्तों के जीवन में सुख और समृद्धि लाने वाली।
भय और नकारात्मकता दूर करने वाली,
महागौरी, तेरी भक्ति से हृदय अर्पित॥
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मां महागौरी पूजा विधि
- स्नान और पवित्रता: सबसे पहले स्नान करें और पवित्र वस्त्र धारण करें।
- मूर्ति स्थापना और पूजा: मां महागौरी की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें और पूजा करें।
- पुष्प और अक्षत: मां महागौरी को फूल और अक्षत अर्पित करें।
- दीप और धूप: दीप और धूप जलाएं और आरती करें।
- मंत्र जाप: मां महागौरी के मंत्र “ॐ देवी महागौर्यै नमः” का जाप करें।
- भोग: मां महागौरी को भोग लगाएं और प्रसाद वितरित करें।
मां महागौरी की पूजा का महत्व
मां महागौरी शुद्धता, सुख और समृद्धि की देवी हैं। उनकी पूजा से जीवन में मानसिक शांति, स्वास्थ्य और स्थिरता आती है।
मां महागौरी पूजा के लाभ
- शांति और सौंदर्य: जीवन में मानसिक और आत्मिक शांति आती है।
- सुख और समृद्धि: भोग और पूजा से जीवन में समृद्धि आती है।
- भय और नकारात्मकता नाश: भय और नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं।