नवरात्रि (नौ रातों का त्योहार) हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है, जो देवी पार्वती या मां दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित है और भक्त इसे श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाते हैं। नवरात्रि का तीसरा दिन देवी चंद्रघंटा को समर्पित है, जो देवी पार्वती का तीसरा रूप हैं। उनके माथे पर चाँद की घण्टाकार आकार की झलक होती है, इसलिए इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है।
चंद्रघंटा माता को युद्ध और साहस की देवी भी कहा जाता है। उनका रूप बहुत ही सुंदर और शांत होता है, परंतु साथ ही वे शत्रुओं का नाश करने वाली भी हैं।
मां चंद्रघंटा कथा (Maa Chandraghanta Vrat Katha)
पौराणिक कथाओं के अनुसार, चंद्रघंटा माता ने अपनी भक्तिभाव और साहस के लिए विश्व में ख्याति प्राप्त की। जब असुरों ने देवताओं पर अत्याचार करना शुरू किया, तो देवी पार्वती ने अपने तीसरे रूप में चंद्रघंटा के रूप में प्रकट होकर असुरों का संहार किया। उनके माथे पर जो घंटी लगी थी, उसका ध्वनि सुनकर सभी असुर भयभीत हो जाते थे।
कहते हैं कि देवी चंद्रघंटा ने अपनी भक्ति, शक्ति और साहस के माध्यम से संसार में शांति और धर्म की स्थापना की। उनका ध्यान और पूजन भक्तों को न केवल मानसिक शक्ति और साहस देता है, बल्कि भय और नकारात्मकता को दूर भी करता है।
चंद्रघंटा मां का मंत्र
ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः
या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
चंद्रघंटा स्तुति
तपश्चारीणि त्वंहि भयहरणधारा।
साहसदा शत्रुनाशिनी प्रणमाम्यहम्॥
शांति, सुख और धर्म की दायिनी।
चंद्रघंटा, तेरी शरण में हृदय अर्पित॥
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मां चंद्रघंटा पूजा विधि
- स्नान और पवित्रता: सबसे पहले स्नान करें और पवित्र वस्त्र धारण करें।
- मूर्ति स्थापना और पूजा: मां चंद्रघंटा की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें और उनकी पूजा करें।
- पुष्प और अक्षत: मां चंद्रघंटा को फूल और अक्षत अर्पित करें।
- दीप और धूप: दीप और धूप जलाएं और मां की आरती करें।
- मंत्र जाप: मां चंद्रघंटा के मंत्र “ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः” का जाप करें।
- भोग: मां चंद्रघंटा को भोग लगाएं और प्रसाद के रूप में वितरित करें।
मां चंद्रघंटा की पूजा का महत्व
मां चंद्रघंटा साहस और शक्ति की देवी हैं। उनकी पूजा से भय का नाश और जीवन में साहस और आत्मविश्वास की प्राप्ति होती है। वह जीवन में स्थिरता, शांति और सुख देने वाली भी हैं।
मां चंद्रघंटा पूजा के लाभ
- साहस और शक्ति: मां चंद्रघंटा की पूजा से मानसिक शक्ति और साहस बढ़ता है।
- शत्रु नाश और सुरक्षा: उनकी आराधना से नकारात्मक शक्तियाँ और शत्रु नष्ट होते हैं।
- शांति और स्थिरता: माता की पूजा से जीवन में शांति और स्थिरता आती है।