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रावण दहन का शुभ मुहूर्त हुआ शुरू, यहां जानिए अपने शहर अनुसार रावण जलने का सही समय

हर साल आश्विन शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा पर्व मनाया जाता है और इस दिन का मुख्य अनुष्ठान होता है रावण दहन। चलिए आपको बताते हैं इस साल रावण दहन का समय क्या रहेगा और दशहरा की पूजा विधि क्या है।

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दशहरा पर्व भगवान श्री राम की विजय के रूप में मनाया जाता है। इसे भारत में विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है। तो वहीं नेपाल राज्य में इसे दशैं के रूप में मनाया जाता है। इस दिन रावण दहन के अलावा शमी पूजा और अपराजिता पूजा भी की जाती है। दशहरा का दिन साल के सबसे शुभ दिनों में से एक होता है। इस दिन दक्षिण भारत के कई इलाकों में आयुध पूजा की जाती है। लेकिन इस दिन का मुख्य आकर्षण होता है रावण दहन। जो सूर्यास्त के बाद किया जाता है। चलिए आपको बताते हैं रावण दहन का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा।

रावण दहन मुहूर्त 2025 (Ravan Dahan Muhurat 2025)
इस साल रावण दहन का शुभ मुहूर्त 2 अक्टूबर की शाम 5:30 बजे से शाम 7 बजे तक रहेगा। इस समय पर रावण दहन करन अत्यंत लाभकारी रहेगा।

दशहरा पूजा मुहूर्त 2025 (Dussehra Puja Muhurat 2025)
दशहरा की दशमी तिथि 1 अक्टूबर की शाम 7 बजकर 1 मिनट से 2 अक्टूबर की शाम 7 बजकर 10 मिनट तक रहेगी। विजय मुहूर्त 02:09 PM से 02:56 PM तक रहेगा। हिंदू मान्यता के अनुसार रावण दहन प्रदोष काल में होता है। इस दिन सूर्यास्त शाम को 06:03 बजे होगा। ऐसे में सूर्यास्त से लेकर 07:10 बजे दशमी तिथि के समाप्त होने के बीच में रावण दहन किया जा सकेगा।

दशहरे की पूजा विधि (Dussehra Puja Vidhi)
दशहरे के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर अपने को शुद्ध कर लें। इसके बाद पूजा स्थल पर भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण जी की प्रतिमा स्थापित करें। दीपक जलाएं और भगवान को फूल अर्पित करें। पूजा की शुरुआत भगवान राम की अराधना से करें। ‘ॐ श्री रामाय नमः’ का जाप करें और भगवान से सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें। अगर संभव हो तो इस दिन रामायण या श्री रामचरितमानस का पाठ करें। विधि विधान पूजा करने के बाद भगवान राम की आरती करें। इसके बाद भगवान को भोग लगाकर प्रसाद सभी में बांट दें। पूजा के बाद शाम के समय शुभ मुहूर्त में रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन करें।

दशहरा पर्व के प्रमुख अनुष्ठान

  • रावण दहन
  • शस्त्र पूजा
  • आयुध पूजा
  • अपराजिता पूजा
  • वाहनों की पूजा
  • रामलीला का समापन
  • विजय यात्रा

दशहरा क्यों मनाया जाता है (Dussehra Kyu Manaya Jata Hai)
दशहरा सनातन धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था। पौराणिक कथाओं अनुसार रावण ने छल से माता सीता का अपहरण कर लिया था। तब भगवान राम ने रावण को उसके पापों का दंड देने के लिए उसके खिलाफ युद्ध लड़ा और आश्विन शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को उन्होंने रावण का वध करके माता सीता को मुक्त कराया। इसी दिन को विजयादशमी यानि दशहरा के रूप में मनाया जाने लगा।

यहां नहीं जलाया जाता है रावण 

विजयादशमी के पावन पर्व पर जहां देश के विभिन्न हिस्सों में रामलीला के अंतिम दिन भगवान राम के द्वारा रावण का वध और उसका दहन होता है, वहीं कुछेक ऐसे स्थान भी हैं, जहां यह परंपरा नहीं निभाई जाती है. रावण का जन्म स्थान माने जाने वाले बिसरख और मंदोदरी से जुड़े शहर मंदसौर में रावण को नहीं जलाया जाता है क्योंकि यहां पर लोग रावण की पूजा करते हैं. 

रावण दहन शुभ मुहूर्त 2025 शहर अनुसार (Ravan Dahan Timing 2025 City Wise)
नई दिल्ली- शाम 6:03 से 7:10 बजे तक
गाजियाबाद- शाम 6:03 से 7:10 बजे तक
नोएडा- शाम 6:03 से 7:10 बजे तक
पुणे- शाम 6:03 से 7:10 बजे तक
मुंबई- शाम 6:03 से 7:10 बजे तक
नागपुर- शाम 6:03 से 7:10 बजे तक
चेन्नई- शाम 6:03 से 7:10 बजे तक
जयपुर- शाम 6:03 से 7:10 बजे तक
कोलकाता- शाम 6:03 से 7:10 बजे तक
बेंगलुरु- शाम 6:03 से 7:10 बजे तक
सूरत- शाम 6:03 से 7:10 बजे तक
कानपुर- शाम 6:03 से 7:10 बजे तक
लखनऊ- शाम 6:03 से 7:10 बजे तक
पटना- शाम 6:03 से 7:10 बजे तक
अहमदाबाद- शाम 6:03 से 7:10 बजे तक
हैदराबाद- शाम 6:03 से 7:10 बजे तक
लुधियाना- शाम 6:03 से 7:10 बजे तक
विशाखापट्टनम- शाम 6:03 से 7:10 बजे तक

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