Mahakal Ki Aarti: श्री महाकाल की आरती करने से जातकों को काफी शुभ फलों की प्राप्ति होती है। ये आरती महाकालेश्वर भगवान के प्रति श्रद्धा और भक्ति का एक महत्वपूर्ण तरीका है। महाकालेश्वर भगवान का नाम और उनकी आरती विशेष रूप से जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और मानसिक शांति लाने के लिए बहुत प्रभावशाली मानी जाती है। सावन माह के दौरान महाकाल की इस आरती का पाठ करना काफी शुभ माना जाता है। यहां पढ़िए महाकाल की आरती काल की विकराल की त्रिलोकेश्वर त्रिकाल की लिरिक्स इन हिंदी, साथ ही जानें महाकाल की आरती का महत्व, लाभ, अर्थ, आरती करने का सही समय और अन्य जानकारी…
Mahakal Ki Aarti Lyrics In Hindi ( महाकाल की आरती लिरिक्स इन हिंदी)
काल की विकराल की, त्रिलोकेश्वर त्रिकाल की,
भोले शिव कृपाल की, करो रे मंगल आरती,
मृत्युंजय महाकाल की, करो रे मंगल आरती,
मृत्युंजय महाकाल की, बाबा महाकाल की,
ओ मेरे महाकाल की,
करो रे मंगल आरती, मृत्युंजय महाकाल की।।
पित पुष्प बाघम्बर धारी, नंदी तेरी सवारी,
त्रिपुंडधारी हे त्रिपुरारी, भोले भव भयहारी,
शम्भू दिन दयाल की, तीन लोक दिगपाल की,
कैलाषी शशिभाल की,
करो रे मंगल आरती, मृत्युंजय महाकाल की।।
डमरू बाजे डम डम डम, नाचे शंकर भोला,
बम भोले शिव बमबम बमबम, चढ़ा भंग का गोला,
जय जय ह्रदय विशाल की, आशुतोष प्रतिपाल की,
नैना धक धक ज्वाल की,
करो रे मंगल आरती, मृत्युंजय महाकाल की।।
आरत हरी पालनहारी, तू है मंगलकारी,
मंगल आरती करे नर नारी, पाएं पदारथ चारि,
काल रूप महाकाल की,कृपा सिंधु महाकाल की,
उज्जैन महाकाल की,
करो रे मंगल आरती, मृत्युंजय महाकाल की।।
काल की विकराल की, त्रिलोकेश्वर त्रिकाल की,
भोले शिव कृपाल की, करो रे मंगल आरती,
मृत्युंजय महाकाल की, करो रे मंगल आरती,
मृत्युंजय महाकाल की, बाबा महाकाल की,
ओ मेरे महाकाल की,
करो रे मंगल आरती, मृत्युंजय महाकाल की।।
महाकाल की आरती का महत्व
महाकालेश्वर भगवान को समय (काल) के ऊपर विजय प्राप्त करने वाला माना जाता है, जो जीवन और मृत्यु के चक्र से परे हैं। इस आरती को करने से साधकों को हर एक दुख-दर्द, भय, रोग से मुक्ति मिल जाती है।
महाकाल की आरती करने के लाभ
- श्री महाकाल की आरती करने से व्यक्ति के जीवन में चली आ रही परेशानियों और दुखों का निवारण हो जाता है। इसके साथ ही शारीरिक, मानसिक समस्याओं से निजात मिल सकती है।
- श्री महाकाल की आरती करने से भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। जीवन में धन, ऐश्वर्य की वृद्धि होती है।
- श्री महाकाल की आरती करने से भक्ति का भाव और श्रद्धा प्रगाढ़ होती है।
- श्री महाकाल की आरती करने से कुंडली के दोष यानी शनि, राहु और केतु के दुष्प्रभावों को काफी हद तक दूर किया जा सकता है।
- श्री महाकाल की आरती करने से वैवाहिक जीवन में खुशियां बनी रहती है। संतान सुख की प्राप्ति होती है।
महाकाल की आरती कैसे करें?
श्री महाकाल की आरती करने से करने पहले उनकी विधिवत पूजा कर लें। इसके बाद एक पूजा की थाली में घी का दीपक, धूप, फूल आदि रख लें और विधिवत तरीके से आरती करें।
महाकाल की आरती करने का सही समय?
श्री महाकाल की आरती ब्रह्म मुहूर्त या फिर शाम के समय करना शुभ होता है। इसके अलावा सावन, शिवरात्रि और सोमवार के दिन महाकाल की पूजा करना विशेष माना जाता है।
महाकाल की आरती के बाद क्या करना चाहिए?
श्री महाकाल की विधिवत आरती करने के बाद जल से आचमन कर लें। इसके बाद महाकाल के जयघोष करने के साथ अंत में भूल चूक के लिए माफी मांग लें।