नवरात्रि की नौवीं देवी माँ सिद्धिदात्री हैं। वे सभी सिद्धियों और पूर्णता की देवी मानी जाती हैं। माँ सिद्धिदात्री का स्वरूप अत्यंत दिव्य और शांति-पूर्ण है। वे अपने भक्तों को सभी प्रकार की सिद्धियाँ और सफलता प्रदान करती हैं।
माँ सिद्धिदात्री का आश्रय लेने से जीवन में आध्यात्मिक उन्नति, मानसिक स्थिरता और समृद्धि आती है। वे अपने भक्तों को भय, बुराई और अज्ञानता से दूर रखती हैं। योग शास्त्र में उन्हें ज्ञान और शक्ति की अधिष्ठात्री देवी माना गया है।
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माँ सिद्धिदात्री की आरती (Devi Maa Siddhidatri Aarti)
जय सिद्धिदात्री माँ तू सिद्धि की दाता। तु भक्तों की रक्षक तू दासों की माता॥
तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि। तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि॥
कठिन काम सिद्ध करती हो तुम। जभी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम॥
तेरी पूजा में तो ना कोई विधि है। तू जगदम्बें दाती तू सर्व सिद्धि है॥
रविवार को तेरा सुमिरन करे जो। तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो॥
तू सब काज उसके करती है पूरे। कभी काम उसके रहे ना अधूरे॥
तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया। रखे जिसके सिर पर मैया अपनी छाया॥
सर्व सिद्धि दाती वह है भाग्यशाली। जो है तेरे दर का ही अम्बें सवाली॥
हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा। महा नंदा मंदिर में है वास तेरा॥
मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता। भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता॥
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माँ सिद्धिदात्री की आरती का महत्व
माँ सिद्धिदात्री की आरती करने से जीवन में सभी प्रकार की सिद्धियाँ, सफलता और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। यह आरती भय, संकट और नकारात्मकता से सुरक्षा प्रदान करती है। नवरात्रि के नौवें दिन माँ सिद्धिदात्री की उपासना करने से मानसिक स्थिरता, आत्मबल और जीवन में सौभाग्य की वृद्धि होती है।
माँ सिद्धिदात्री की आरती करने के लाभ
- जीवन में सभी प्रकार की सिद्धियाँ और सफलता प्राप्त होती हैं।
- मानसिक शांति और आत्मबल बढ़ता है।
- भय, नकारात्मकता और संकटों से सुरक्षा मिलती है।
- घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
- भक्तों को आध्यात्मिक उन्नति और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
- जीवन में स्थिरता, धैर्य और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
माँ सिद्धिदात्री की आरती के बाद क्या करना चाहिए?
- हाथ जोड़कर माँ से सुख-शांति और सभी सिद्धियों की प्राप्ति की प्रार्थना करें।
- अर्पित प्रसाद ग्रहण करें और परिवार में बांटें।
- दिनभर माँ सिद्धिदात्री का स्मरण और भक्ति बनाए रखें।
- पूजा स्थल को साफ और व्यवस्थित रखें।
- सकारात्मक संकल्प लें और जीवन में नई शुरुआत करें।
माँ सिद्धिदात्री की आरती – अर्थ सहित
आरती: जय सिद्धिदात्री माँ तू सिद्धि की दाता।
अर्थ: हे माता सिद्धिदात्री! आपकी जय हो, आप सभी को सिद्धियाँ प्रदान करने वाली हैं।
आरती: तु भक्तों की रक्षक तू दासों की माता॥
अर्थ: आप अपने भक्तों की रक्षा करती हैं और दीन-दुखियों की सच्ची माँ हैं।
आरती: तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि।
अर्थ: आपके नाम का स्मरण करने मात्र से सिद्धि प्राप्त होती है।
आरती: तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि॥
अर्थ: आपके नाम से मन शुद्ध और निर्मल हो जाता है।
आरती: कठिन काम सिद्ध करती हो तुम।
अर्थ: आप असंभव कार्य को भी संभव बना देती हैं।
आरती: जभी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम॥
अर्थ: जब आप भक्त के सिर पर हाथ रखती हैं, उसके सभी दुख दूर हो जाते हैं।
आरती: तेरी पूजा में तो ना कोई विधि है।
अर्थ: आपकी पूजा सरल है, इसमें किसी कठिन विधि-विधान की आवश्यकता नहीं।
आरती: तू जगदम्बें दाती तू सर्व सिद्धि है॥
अर्थ: आप जगदम्बा हैं, सभी सिद्धियों की दात्री हैं।
आरती: रविवार को तेरा सुमिरन करे जो।
अर्थ: जो भक्त रविवार को आपका सुमिरन करता है।
आरती: तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो॥
अर्थ: और अपने मन में आपकी मूर्ति का ध्यान करता है।
आरती: तू सब काज उसके करती है पूरे।
अर्थ: उसके सभी कार्य आपकी कृपा से पूरे हो जाते हैं।
आरती: कभी काम उसके रहे ना अधूरे॥
अर्थ: आपका आशीर्वाद पाकर उसके कार्य कभी अधूरे नहीं रहते।
आरती: तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया।
अर्थ: आपकी दया और कृपा से संसार सुरक्षित है।
आरती: रखे जिसके सिर पर मैया अपनी छाया॥
अर्थ: जिस भक्त पर आपकी छाया रहती है, वह सदा सुखी रहता है।
आरती: सर्व सिद्धि दाती वह है भाग्यशाली।
अर्थ: आप सर्व सिद्धि देने वाली हैं, और वह भक्त भाग्यशाली होता है जिसे आपका आशीर्वाद मिले।
आरती: जो है तेरे दर का ही अम्बें सवाली॥
अर्थ: जो भक्त आपके दरबार में आता है, उसकी सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं।
आरती: हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा।
अर्थ: आपका निवास हिमाचल पर्वत पर है।
आरती: महा नंदा मंदिर में है वास तेरा॥
अर्थ: आप महा नंदा मंदिर में विशेष रूप से विराजमान हैं।
आरती: मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता।
अर्थ: हे माता! मुझे केवल आपका ही सहारा है।
आरती: भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता॥
अर्थ: आप अपने भक्तों को भक्ति और सिद्धि प्रदान करने वाली दाता हैं।