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Devi Maa Mahagauri Aarti : देवी माँ महागौरी की आरती – जय महागौरी जगत की माया। जय उमा भवानी जय महामाया

Maa Mahagauri lyrics in Hindi: यहां पढ़िए माँ महागौरी की आरती, शुद्ध और उज्ज्वल रूप वाली देवी की लिरिक्स इन हिंदी -जय महागौरी जगत की माया। जय उमा भवानी जय महामाया

Devi Maa Mahagauri Aarti | देवी माँ महागौरी की आरती - जय महागौरी जगत की माया। जय उमा भवानी जय महामाया

देवी माँ महागौरी की आरती : नवरात्रि की आठवीं देवी माँ महागौरी हैं। उनका स्वरूप अत्यंत शुद्ध, सुंदर और उज्ज्वल है। माँ महागौरी शुद्धता, संयम और संतुलन की प्रतीक हैं। उनका दर्शन भक्तों के हृदय को शांति और आनंद से भर देता है।

माँ महागौरी के आशीर्वाद से मनोबल, शांति और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है। वे अपनी गोरी और उज्ज्वल छवि से भक्तों की अज्ञानता और अंधकार को दूर करती हैं।

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माँ महागौरी की आरती (Devi Maa Mahagauri Aarti )

जय महागौरी जगत की माया। जय उमा भवानी जय महामाया॥

हरिद्वार कनखल के पासा। महागौरी तेरा वहा निवास॥

चन्द्रकली और ममता अम्बे। जय शक्ति जय जय माँ जगदम्बे॥

भीमा देवी विमला माता। कौशिक देवी जग विख्यता॥

हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा। महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा॥

सती (सत) हवन कुंड में था जलाया। उसी धुएं ने रूप काली बनाया॥

बना धर्म सिंह जो सवारी में आया। तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया॥

तभी माँ ने महागौरी नाम पाया। शरण आनेवाले का संकट मिटाया॥

शनिवार को तेरी पूजा जो करता। माँ बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता॥

भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो। महागौरी माँ तेरी हरदम ही जय हो॥

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माँ महागौरी की आरती का महत्व

माँ महागौरी की आरती करने से जीवन में शांति, संयम और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह आरती भय, नकारात्मकता और मानसिक तनाव से रक्षा करती है। नवरात्रि के आठवें दिन माँ महागौरी की उपासना करने से भक्त का मन शुद्ध और स्थिर होता है, और जीवन में संतुलन और सुख-समृद्धि आती है।

माँ महागौरी की आरती करने के लाभ

  • मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त होती है।
  • भय, नकारात्मकता और पाप से मुक्ति मिलती है।
  • साहस, शक्ति और आत्मबल का विकास होता है।
  • जीवन में सुख, समृद्धि और सकारात्मकता आती है।
  • संकट और विपत्तियों से सुरक्षा मिलती है।

माँ महागौरी की आरती कैसे करें

स्नान और शुद्धता: प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।

पूजा स्थान तैयार करें: पूजा स्थान को साफ करें और गंगाजल छिड़कें।

दीपक और भोग: घी का दीपक जलाएँ और देवी को नैवेद्य अर्पित करें।

मूर्ति या चित्र सजाएं: माँ महागौरी की प्रतिमा या चित्र को साफ स्थान पर रखें।

आरती करना: दीपक, फूल और अक्षत के साथ आरती करें।

भक्ति और ध्यान: आरती के समय मन को एकाग्र करके माँ से शांति और आशीर्वाद की प्रार्थना करें।

प्रसाद वितरण: आरती के बाद प्रसाद ग्रहण करें और परिवार में बांटें।

माँ महागौरी की आरती का सही समय

  • सुबह: 5:00 से 7:00 बजे तक
  • शाम: 6:00 से 7:30 बजे तक
  • सुबह और शाम का समय सबसे शुभ माना जाता है, क्योंकि इस समय वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा अधिक होती है और दीपक की रोशनी पूजा स्थल को दिव्य बनाती है।

माँ महागौरी की आरती के बाद क्या करना चाहिए?

हाथ जोड़कर माँ से सुख-शांति और आशीर्वाद की प्रार्थना करें।

अर्पित प्रसाद ग्रहण करें और परिवार में बांटें।

दिनभर माँ महागौरी का स्मरण और भक्ति बनाए रखें।

पूजा स्थान को साफ और व्यवस्थित रखें।

सकारात्मक संकल्प लें और जीवन में नई शुरुआत करें।

माँ महागौरी की आरती – अर्थ सहित

आरती: जय महागौरी जगत की माया
अर्थ: हे माता! आपकी जय हो, आप जगत की महान माया और शक्ति हैं।

आरती: जय उमा भवानी जय महामाया
अर्थ: हे उमा भवानी! आपकी महिमा अनंत है, आप महामाया की स्वरूप हैं।

आरती: हरिद्वार कनखल के पासा
अर्थ: आपका निवास हरिद्वार और कनखल के पास है।

आरती: महागौरी तेरा वहा निवास
अर्थ: हे महागौरी! वही आपका मुख्य निवास स्थान है।

आरती: चन्द्रकली और ममता अम्बे
अर्थ: आप चंद्रकली और ममता वाली माता हैं, सभी भक्तों पर कृपा करती हैं।

आरती: जय शक्ति जय जय माँ जगदम्बे
अर्थ: हे शक्ति! आपकी जय हो, जगदम्बे माँ आपकी महिमा अपार है।

आरती: भीमा देवी विमला माता
अर्थ: आप भीमा देवी और विमला माता के रूप में भी विख्यात हैं।

आरती: कौशिक देवी जग विख्यता
अर्थ: आप कौशिक देवी के नाम से भी पूरे जग में प्रसिद्ध हैं।

आरती: हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा
अर्थ: हिमाचल के घर में आपका गौरी रूप प्रतिष्ठित है।

आरती: महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा
अर्थ: आपका स्वरूप महाकाली और दुर्गा के रूप में भी है।

आरती: सती (सत) हवन कुंड में था जलाया
अर्थ: सती हवन कुंड में जलाए जाने के समय आपके रूप का प्रकट होना हुआ।

आरती: उसी धुएं ने रूप काली बनाया
अर्थ: हवन के धुएं से आपका काली रूप प्रकट हुआ।

आरती: बना धर्म सिंह जो सवारी में आया
अर्थ: जब धर्म सिंह सवारी पर आया, तब आपकी दिव्यता दिखी।

आरती: तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया
अर्थ: तभी भगवान शिव ने अपने त्रिशूल का प्रकाश दिखाया।

आरती: तबी माँ ने महागौरी नाम पाया
अर्थ: इसी कारण माता को महागौरी नाम मिला और शरणागत भक्तों का संकट दूर किया।

आरती: शनि‍वार को तेरी पूजा जो करता
अर्थ: जो भक्त शनिवार को आपकी पूजा करता है, उसके बिगड़े काम सुधरते हैं।

आरती: माँ बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता
अर्थ: आपके आशीर्वाद से सभी विघ्न और कठिनाइयाँ दूर होती हैं।

आरती: भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो
अर्थ: हे भक्त! प्रेम और श्रद्धा से कहो, “महागौरी माँ तेरी जय हो।




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