पश्चिम बंगाल विधानसभा में बंगाली उत्पीड़न के मुद्दे पर बुलाए गए विशेष सत्र के दौरान टीएमसी और बीजेपी के विधायकों के बीच जोरदार भिड़ंत हुई। सत्र के दौरान प्रश्नकाल में ही बीजेपी ने सत्र का बहिष्कार किया, लेकिन कुछ ही देर में दोनों दलों के विधायकों में आपसी तनातनी हिंसक रूप धारण कर गई। इस झड़प में भाजपा विधायक शंकर घोष गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें एक दिन के लिए विधानसभा से निलंबित कर दिया गया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस दौरान आरोप लगाया कि विपक्षी दल सत्र और विधानसभा का अपमान कर रहे हैं और शांति बनाए रखना दोनों दलों की जिम्मेदारी है
विवाद और आरोप-प्रत्यारोप
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बीजेपी बंगाली भाषा और संस्कृति के विरोध में काम कर रही है, और उनका उद्देश्य विधानसभा में विचार-विमर्श को बाधित करना है। ममता ने आरोप लगाया कि विपक्ष कुछ भी रचनात्मक नहीं करता और जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रहा है। इसके जवाब में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि टीएमसी के समर्थकों और सुरक्षाकर्मियों ने शंकर घोष पर बेरहमी से हमला किया। अधिकारी ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के उकसावे और ‘चोर’ जैसे नारे इस हिंसा के लिए जिम्मेदार हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और भविष्य की कार्रवाई
बीजेपी का कहना है कि यह घटना बंगाली लोगों के उत्पीड़न और पलायन के मुद्दे को लेकर हुई थी। विपक्षी दल ने टीएमसी पर राज्य में राजनीतिक उत्पीड़न और अराजकता फैलाने का आरोप लगाया। घटना के बाद सुशासन और शांति बनाए रखने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी को ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। निलंबन और सुरक्षा बढ़ाने के उपाय किए गए हैं, ताकि भविष्य में ऐसी हिंसा को रोका जा सके। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार की झड़पें विधानसभा की कार्यप्रणाली और लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर गंभीर असर डाल सकती हैं।