जीत पर भरोसा और प्रतिक्रिया
उपराष्ट्रपति पद के विपक्षी उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी ने 9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर अपनी अटूट आत्मविश्वास का इज़हार किया है। गुवाहाटी में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि मुझे इस चुनाव में 100% जीत का यकीन है। उनका कहना था कि जहां भी वह जाते हैं, वहां से उन्हें जबरदस्त सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलती है, जो उनकी उम्मीदों और चुनावी रणनीति को और मजबूत करती है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जनता और विभिन्न राजनीतिक संस्थानों से मिलने वाले समर्थन ने उन्हें यह विश्वास दिलाया है कि उनका अनुभव और नेतृत्व क्षमता इस पद के लिए उपयुक्त है।
संवैधानिक पद की महत्ता
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के कार्यकाल पूरा होने से पहले इस्तीफा देने के संदर्भ में पूछे जाने पर बी सुदर्शन रेड्डी ने किसी व्यक्तिगत टिप्पणी से परहेज किया। उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति का कार्यालय एक उच्च संवैधानिक पद है जिसे किसी भी परिस्थिति में केवल राजनीतिक संस्थान तक सीमित नहीं किया जा सकता। उनका यह बयान इस बात को रेखांकित करता है कि उपराष्ट्रपति का कार्यभार देश की संवैधानिक व्यवस्था और लोकतांत्रिक मूल्यों के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
चुनाव आयोग और निष्पक्षता
चुनाव आयोग के खिलाफ हाल ही में लगाए गए आरोपों पर बोलते हुए बी सुदर्शन रेड्डी ने आयोग की स्वायत्तता और निष्पक्षता पर भरोसा जताया। उन्होंने कहा कि आयोग देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की जिम्मेदारी निभाता है और इसे राजनीतिक दबावों से प्रभावित नहीं किया जा सकता। इस दृष्टिकोण से उन्होंने यह संदेश दिया कि चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और लोकतांत्रिक सिद्धांतों के अनुरूप होगी। उपराष्ट्रपति पद के लिए उनका यह चुनावी अभियान न केवल व्यक्तिगत जीत के भरोसे पर आधारित है, बल्कि संवैधानिक जिम्मेदारी और देश के लोकतांत्रिक ढांचे की रक्षा के उद्देश्य से भी संचालित हो रहा है।