प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को नई दिल्ली स्थित यशोभूमि में इंडिया मोबाइल कांग्रेस (IMC) 2025 के नौवें संस्करण का उद्घाटन किया। यह एशिया का सबसे बड़ा दूरसंचार, मीडिया और प्रौद्योगिकी सम्मेलन है, जो 8 से 11 अक्टूबर तक आयोजित किया जाएगा। इस वर्ष का सम्मेलन “Innovate to Transform” (नवाचार से परिवर्तन) थीम पर आधारित है, जो भारत की डिजिटल नवाचार और सामाजिक प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
यह कार्यक्रम दूरसंचार विभाग (DoT) और सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है। इस दौरान दूरसंचार और उभरती प्रौद्योगिकियों में नवीनतम प्रगति को प्रदर्शित किया जाएगा। इसमें विश्व के अग्रणी विशेषज्ञ, नीति-निर्माता, उद्योग जगत के नेता और नवप्रवर्तक हिस्सा लेंगे।
केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा,
“इस वर्ष हम प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में एक विशेष कार्यक्रम ‘स्टार्टअप वर्ल्ड कप 2025 – इंडिया एडिशन’ भी आयोजित कर रहे हैं। इसमें 550 कंपनियाँ 300 वेंचर कैपिटलिस्ट्स और प्राइवेट इक्विटी निवेशकों से वित्तीय सहयोग के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगी। इनमें से 15 स्टार्टअप्स को अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता, सैन फ्रांसिस्को भेजा जाएगा। मुझे पूरा विश्वास है कि भारत वहां से विजयी होकर लौटेगा।”
इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2025 में 1.5 लाख से अधिक आगंतुकों के आने की उम्मीद है, जिनमें 150 से अधिक देशों के प्रतिनिधि, 7,000 वैश्विक डेलीगेट्स और 400 कंपनियाँ शामिल होंगी। कार्यक्रम के दौरान 100 सत्रों और 800 वक्ताओं के माध्यम से 5G/6G, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, स्मार्ट मोबिलिटी, साइबर सुरक्षा, क्वांटम कंप्यूटिंग और हरित प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में 1,600 से अधिक नए उपयोग-मामलों (use-cases) को प्रदर्शित किया जाएगा।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार,
“IMC 2025 अंतरराष्ट्रीय सहयोग को भी प्रोत्साहित करता है। जापान, कनाडा, यूनाइटेड किंगडम, रूस, आयरलैंड और ऑस्ट्रिया सहित कई देशों के प्रतिनिधिमंडल इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं।”
सिंधिया ने यह भी बताया कि भारत का सैटेलाइट कम्युनिकेशन (SATCOM) क्षेत्र तेज़ी से विकास की ओर अग्रसर है। इसके लिए नियामक ढांचे तैयार किए जा रहे हैं और जल्द ही लाइसेंसिंग प्रक्रिया भी शुरू होगी।
उन्होंने कहा कि भारत का सैटकॉम बाजार अगले कुछ वर्षों में दोगुना होने की संभावना है। अब तक तीन सैटकॉम लाइसेंस जारी किए जा चुके हैं और मंत्रालय को उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में यह क्षेत्र तेजी से विस्तार करेगा।