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प्रधानमंत्री की मां पर अभद्र टिप्पणी को लेकर सियासी बवाल, NDA ने बिहार बंद का किया ऐलान

4 सितंबर को महिला कार्यकर्ता करेंगी नेतृत्व, पीएम मोदी ने भावुक होकर कही मन की बात

PM Modi emotional in Bihar rally over abusive remarks on mother

बिहार बंद का आह्वान और राजनीतिक माहौल

बिहार की राजनीति इन दिनों बेहद गर्म हो चुकी है। हाल ही में कांग्रेस और राजद के मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिवंगत मां के लिए अभद्र टिप्पणी किए जाने की घटना ने पूरे राज्य के साथ-साथ देशभर में राजनीतिक बवाल खड़ा कर दिया है। इस टिप्पणी के खिलाफ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने बड़ा कदम उठाते हुए 4 सितंबर को बिहार बंद का ऐलान किया है। खास बात यह है कि इस बंद की अगुवाई एनडीए की महिला कार्यकर्ता करेंगी और सुबह 7 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे तक राज्य के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने इसे महिला सम्मान से जुड़े मुद्दे के रूप में सामने लाने का फैसला किया है ताकि जनता के बीच यह संदेश जाए कि प्रधानमंत्री की मां पर की गई टिप्पणी किसी एक महिला का नहीं बल्कि पूरे समाज की महिलाओं का अपमान है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बंद को लेकर एनडीए विपक्षी दलों पर दबाव बनाने की रणनीति अपना रहा है और जनता की भावनाओं को सीधे तौर पर जोड़ने की कोशिश कर रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी का भावुक संबोधन और मां के संघर्ष की याद

इस घटना का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद भी अपने संबोधन में किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लगभग 20 लाख महिलाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह अपशब्द केवल उनकी मां के लिए नहीं थे, बल्कि यह हर भारतीय मां-बहन-बेटी का अपमान है। पीएम मोदी ने कहा कि उनकी मां हीराबेन मोदी ने बेहद साधारण परिवार में रहते हुए कठिन परिस्थितियों से संघर्ष करके अपने बच्चों का पालन-पोषण किया। उन्होंने गरीबी के बावजूद परिवार को संभाला, बीमार रहने पर भी काम किया और हर छोटे-बड़े त्याग के जरिए बच्चों को आगे बढ़ने का अवसर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी मां राजनीति से कभी जुड़ी नहीं रहीं और 100 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद इस दुनिया से विदा हो गईं, लेकिन उनके खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणियां बेहद पीड़ादायक और असहनीय हैं। संबोधन के दौरान भावुक हुए मोदी ने कहा कि कांग्रेस और राजद के मंच से दिए गए अपशब्द न केवल उनकी मां के लिए बल्कि भारत की हर महिला के लिए अपमानजनक हैं। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे इस घटना को सिर्फ व्यक्तिगत अपमान न मानें बल्कि इसे महिलाओं के सम्मान के मुद्दे से जोड़कर देखें।

विपक्ष पर सीधा हमला और विवाद का विस्तार

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में विपक्ष पर भी सीधा निशाना साधा और कहा कि राजघरानों में जन्म लेने वाले लोग गरीब और वंचित परिवारों की पीड़ा को नहीं समझ सकते। उनके अनुसार विपक्षी दल मानते हैं कि बिहार की सत्ता सिर्फ उनके परिवारों की जागीर है, जबकि जनता ने एक साधारण मां के बेटे को आशीर्वाद देकर देश का प्रधानसेवक बनाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि नामदार परिवारों के लिए यह स्वीकार करना मुश्किल है और यही कारण है कि वे इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करते हैं। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस की ओर से सफाई भी दी गई है। आयोजनकर्ता मोहम्मद नौशाद ने कहा कि यह टिप्पणी किसी बाहरी व्यक्ति द्वारा की गई थी और मंच पर मौजूद नेताओं का उससे कोई संबंध नहीं था। हालांकि, इस सफाई के बावजूद राजनीतिक विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है और एनडीए ने इसे जनता के सम्मान से जोड़ते हुए व्यापक आंदोलन का रूप देने की तैयारी कर ली है। जानकारों का कहना है कि आगामी दिनों में यह विवाद बिहार की राजनीति पर गहरा असर डाल सकता है और चुनावी समीकरणों को भी बदलने की क्षमता रखता है।

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