अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि भारत और रूस सबसे गहरे और अंधकारमय चीन के आगे खोए हुए नजर आते हैं। उनके इस बयान ने अंतरराष्ट्रीय और घरेलू स्तर पर चर्चा को जन्म दिया। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने इस टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह मुद्दा टैरिफ या व्यापार नीतियों का नहीं, बल्कि आत्म-सम्मान, देश की गरिमा और सम्मान का है।
मनीष तिवारी का बयान
सांसद मनीष तिवारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “डोनाल्ड ट्रंप और नवारो जैसे लोग जो बात समझ नहीं पा रहे हैं, वह टैरिफ की नहीं, बल्कि आत्मसम्मान, गरिमा और सम्मान की है। हमने साम्राज्यवादी अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी और उन्हें परास्त किया। भारत एक रोटी कम खाएगा, लेकिन बल प्रयोग के आगे कभी नहीं झुकेगा।” तिवारी के इस बयान में भारत की स्वतंत्रता संग्राम की परंपरा और वर्तमान वैश्विक परिप्रेक्ष्य में उसकी स्थिरता पर जोर दिया गया।
वैश्विक संदर्भ और राजनीतिक संदेश
मनीष तिवारी ने ट्रंप की तुलना में भारत और रूस की स्थिति को चीन के संदर्भ में देखे जाने की बात को खारिज किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई भी विदेशी टिप्पणी भारत के आंतरिक निर्णय और रणनीति को प्रभावित नहीं कर सकती। उनका यह संदेश भारत की संप्रभुता, आत्मनिर्भरता और वैश्विक मंच पर दृढ़ता की पुष्टि करता है। राजनीतिक विश्लेषक इसे भारत की विदेश नीति और राष्ट्रीय सम्मान के प्रति प्रतिबद्धता के तौर पर देख रहे हैं।