हिंसक प्रदर्शन और आगजनी
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की राजधानी लेह में बुधवार को छात्र और युवा लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे। प्रदर्शन धीरे-धीरे हिंसक रूप ले लिया जब युवाओं ने भाजपा कार्यालय पर पत्थरबाजी की और वहां आग लगा दी। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। इसके बावजूद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहनों और सुरक्षा गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया। स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया गया।
प्रदर्शनकारियों की मांगें और समर्थन
प्रदर्शनकारियों की चार प्रमुख मांगें हैं: लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए, इसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए, लोकसभा सीटों की संख्या दो की जाए और लद्दाख की जनजातियों को आदिवासी (ST) का दर्जा मिले। यह विरोध प्रदर्शन पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के समर्थन में आयोजित किया गया था, जो पिछले 15 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं। स्थानीय लोगों ने भी सोनम वांगचुक के समर्थन में लद्दाख बंद का आह्वान किया, जिससे सैकड़ों लोग लेह की सड़कों पर उतर आए।
प्रशासनिक कार्रवाई
प्रदर्शन के दौरान पुलिस और छात्रों के बीच झड़प हुई और हिंसा ने उग्र रूप ले लिया। पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया, तथा नियंत्रण बनाए रखने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया गया। बता दें कि 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 समाप्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किया गया था। वर्तमान में प्रदर्शनकारियों की मांग है कि लद्दाख को एक पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए और क्षेत्र की जनजातियों को संवैधानिक सुरक्षा प्रदान की जाए। केंद्र सरकार ने 6 अक्टूबर को लद्दाख के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत का समय निर्धारित किया है, जिसमें लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के सदस्य शामिल होंगे।