ISRO के चेयरमैन वी. नारायणन ने मंगलवार को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के सभी उपग्रह पूरी तरह से सक्रिय और काम कर रहे थे। उन्होंने एक सभा को संबोधित करते हुए बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में 58 उपग्रह 24/7 काम कर रहे थे और सभी आवश्यकताएं पूरी कर रहे थे।
नारायणन ने कहा, “अपने सैटेलाइट के माध्यम से हमने ऑपरेशन सिंदूर में भारत के प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशानुसार अगले तीन वर्षों में कक्षा में उपग्रहों की संख्या वर्तमान से तीन गुना बढ़ाई जाएगी।”
पहलगाम आतंकी हमले के बाद 7 मई, 2025 को शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर में तीनों सेनाओं ने एक सुनियोजित प्रतिक्रिया दी। इस ऑपरेशन के दौरान नियंत्रण रेखा के पार और पाकिस्तान के भीतर आतंकवादी बुनियादी ढांचे पर निशाना साधा गया।
थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि युद्ध हमेशा अप्रत्याशित होता है। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर की अवधि और परिस्थितियां पूर्वानुमान के अनुसार नहीं थीं। उन्होंने आधुनिक युद्ध और सैन्य तैयारियों पर तीन प्रमुख पहलुओं पर प्रकाश डाला और कहा कि ऑपरेशन ने रणनीतिक तैयारियों और अनिश्चितताओं को सामने लाया।
मुख्य बिंदु:
- ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ISRO के 58 उपग्रह पूरी तरह काम कर रहे थे।
- उपग्रहों ने 24/7 निगरानी और सुरक्षा सुनिश्चित की।
- अगले तीन साल में उपग्रहों की संख्या वर्तमान से तीन गुना बढ़ाई जाएगी।
- ऑपरेशन सिंदूर में नियंत्रण रेखा के पार और पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर हमला किया गया।
- थल सेनाध्यक्ष ने युद्ध की अप्रत्याशित प्रकृति और सैन्य तैयारियों पर टिप्पणी की।




