नई दिल्ली, बिहार में मतदाता सूची की विशेष गहन समीक्षा (SIR) को लेकर मचे विवाद के बीच चुनाव आयोग अब सीधे जनता के पास पहुंचा है। मंगलवार को आयोग ने देशवासियों से 5 अहम सवाल पूछे और मतदाता सूची को शुद्ध बनाने के लिए सहयोग की अपील की।
आयोग का कहना है कि मतदाता सूची पारदर्शी और विश्वसनीय होनी चाहिए ताकि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संभव हो सकें।
चुनाव आयोग के 5 बड़े सवाल
- क्या मतदाता सूची की गहन जाँच होनी चाहिए या नहीं?
- क्या दिवंगत लोगों के नाम हटाए जाने चाहिए या नहीं?
- अगर किसी का नाम दो या अधिक जगह दर्ज है, तो क्या उसे केवल एक ही स्थान पर रखा जाना चाहिए?
- क्या उन लोगों के नाम हटने चाहिए जो स्थायी रूप से दूसरी जगह चले गए हैं?
- क्या विदेशियों और घुसपैठियों के नाम हटाए जाने चाहिए या नहीं?
आयोग ने कहा है कि यदि जनता का उत्तर “हाँ” है तो उन्हें इस विशेष पुनरीक्षण कार्य में योगदान देना चाहिए।
राजनीतिक दलों के साथ बैठकें
चुनाव आयोग ने बताया कि पिछले 6 महीने में राजनीतिक दलों के साथ संवाद के लिए 4719 बैठकें आयोजित की गईं। इनमें 28,000 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए। आयोग का दावा है कि सूची की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए अब तक 28 ठोस कदम उठाए जा चुके हैं।
केवल 10 दावे और आपत्तियां मिलीं
आयोग ने खुलासा किया कि 25 अगस्त तक उन्हें राजनीतिक दलों से सिर्फ 10 आपत्तियां ही प्राप्त हुई हैं। ये सभी आपत्तियां भाकपा (माले) की ओर से आई हैं। आयोग के अनुसार आपत्तियों का निस्तारण प्रक्रिया में है और इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट को भी जानकारी दी गई है।
नाम जोड़ने और हटाने का मौका
आयोग ने बताया कि SIR के तहत योग्य मतदाताओं के नाम जोड़ने और अपात्र नाम हटाने की प्रक्रिया जारी है। लेकिन इसके लिए केवल 5 दिन का समय बचा है। आयोग का कहना है कि इस काम में जनता की सक्रिय भागीदारी बेहद ज़रूरी है।