पंजाब में भाखड़ा और पौंग बांध का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे पूरे राज्य में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। भाखड़ा बांध का जलस्तर 1678.97 फीट तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान 1680 फीट से महज एक फुट कम है। वहीं, पौंग बांध का जलस्तर 1394.51 फीट पर पहुंच गया, जो इसके खतरे के स्तर 1390 फीट से ऊपर है। पिछले वर्ष इसी समय भाखड़ा का जलस्तर 1641.05 फीट और पौंग का 1361.95 फीट दर्ज किया गया था। इस बढ़ते जलस्तर के कारण फिरोजपुर, फाजिल्का और तरनतारन सहित कई निचले इलाके बाढ़ की चपेट में हैं और यहां स्थिति गंभीर बनी हुई है।
नदियों के बहाव और प्रभावित क्षेत्रों का हाल
तरनतारन के हरिके हेडवर्क्स पर सतलुज और ब्यास नदियों का पानी गुरुवार सुबह 3.47 लाख क्यूसेक ऊपर और 3.3 लाख क्यूसेक नीचे बह रहा था, जो उच्च बाढ़ की सीमा 3 लाख क्यूसेक से काफी अधिक है। हुसैनीवाला हेडवर्क्स पर भी ऊपर और नीचे दोनों तरफ पानी का बहाव 3.3 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया, जिससे यह क्षेत्र भी उच्च बाढ़ की चेतावनी में आ गया। जल निकासी विभाग की रिपोर्ट में भाखड़ा में 95,435 क्यूसेक अंदर का बहाव और 73,459 क्यूसेक बाहर का बहाव दर्ज किया गया, जबकि पौंग में क्रमशः 1,32,595 और 91,167 क्यूसेक का बहाव रिकॉर्ड किया गया। पिछले साल इस समय इन आंकड़ों की तुलना में यह कई गुना अधिक है, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है।
प्रशासनिक प्रयास और भविष्य की संभावनाएँ
फिरोजपुर की उपायुक्त दीपशिखा शर्मा ने कहा कि पिछले 15 दिनों से 2.5 लाख क्यूसेक से अधिक पानी का दबाव है और यह हर दिन बढ़ रहा है। प्रशासन और राहत टीमें ग्रामीण इलाकों में 24 घंटे काम कर रही हैं, प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं और आवश्यक राहत प्रदान कर रही हैं। उच्च बाढ़ और नदियों के उफान के कारण कृषि भूमि भी जलमग्न हो रही है, जिससे आने वाले दिनों में स्थिति और भी खराब होने की आशंका है। अधिकारियों ने नागरिकों से सतर्क रहने और सुरक्षा उपायों का पालन करने का आग्रह किया है, ताकि नुकसान कम से कम हो सके।