बॉलीवुड की बहुप्रतीक्षित फिल्म जॉली एलएलबी 3 अब विवादों में फंसती दिखाई दे रही है। अक्षय कुमार और अरशद वारसी की मुख्य भूमिकाओं वाली इस फिल्म के खिलाफ पुणे की एक सिविल कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि फिल्म में वकीलों और जजों को अपमानजनक तरीके से दिखाया गया है। इसी सिलसिले में कोर्ट ने अक्षय कुमार, अरशद वारसी और फिल्म के निर्माताओं को नोटिस भेजा है और उन्हें 28 अगस्त को अदालत में पेश होने के लिए कहा है।
फिल्म की रिलीज से पहले बढ़ा विवाद
कुछ समय पहले ही जॉली एलएलबी 3 का टीजर रिलीज हुआ था, जिसने दर्शकों में उत्सुकता बढ़ा दी थी। यह फिल्म 19 सितंबर 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। लेकिन, रिलीज से पहले ही यह कानूनी पचड़े में फंस गई है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कोर्ट की सुनवाई और आदेश के बाद फिल्म समय पर रिलीज हो पाती है या नहीं।
याचिका में क्या कहा गया है?
वकील वाजेद खान और गणेश मास्खे ने इस फिल्म के खिलाफ याचिका दायर की है। उनका कहना है कि फिल्म में वकीलों और जजों को बेहद खराब और अनुचित तरीके से पेश किया गया है। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि फिल्म के टीजर में वकीलों और जजों को ‘मामू’ कहकर संबोधित किया गया है, जो पूरी न्यायपालिका के लिए अपमानजनक है।
वाजेद खान ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा कि फिल्म में कोर्ट रूम की बहस को ऐसे दिखाया गया है जैसे किसी परिवार में आपसी झगड़ा हो रहा हो। उनका कहना है कि भले ही यह एक काल्पनिक (fictional) फिल्म हो, लेकिन इससे लीगल प्रोफेशन और ज्यूडिशियरी की गरिमा को ठेस पहुंचती है।
कोर्ट की सख्ती
पुणे की 12वीं जूनियर डिविजन सिविल जज जे. जी. पवार ने याचिका पर सुनवाई करते हुए फिल्म के निर्माताओं, अक्षय कुमार और अरशद वारसी को समन जारी किया है। कोर्ट ने सभी को 28 अगस्त को पेश होने का आदेश दिया है। साथ ही, फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की संभावना पर भी विचार किया जा रहा है।
जॉली एलएलबी सीरीज का इतिहास
गौरतलब है कि जॉली एलएलबी सीरीज हमेशा से ही कोर्टरूम ड्रामा और सामाजिक मुद्दों को हल्के-फुल्के अंदाज में पेश करती रही है। 2013 में आई पहली फिल्म में अरशद वारसी ने एक छोटे वकील की भूमिका निभाई थी, जबकि 2017 में आई जॉली एलएलबी 2 में अक्षय कुमार लीड रोल में थे। दोनों फिल्मों को दर्शकों का अच्छा रिस्पॉन्स मिला था और अब तीसरे पार्ट को लेकर फैंस काफी उत्साहित थे।
मगर इस बार मामला और गंभीर है क्योंकि आरोप न्यायपालिका की छवि से जुड़ा हुआ है। इसलिए कोर्ट का रुख भी सख्त नजर आ रहा है।
फिल्म इंडस्ट्री की प्रतिक्रिया
फिल्म इंडस्ट्री के कुछ जानकारों का मानना है कि जॉली एलएलबी 3 जैसी फिल्में व्यंग्य और हास्य के जरिए न्यायिक व्यवस्था की चुनौतियों को सामने लाती हैं। लेकिन, अगर किसी समुदाय या पेशे की गरिमा को ठेस पहुंचे तो विवाद होना स्वाभाविक है।
वहीं, फिल्म के समर्थकों का कहना है कि यह महज एक फिक्शन है और इसे मनोरंजन के नजरिए से ही देखा जाना चाहिए। हालांकि, मामला कोर्ट में है और अब फैसला न्यायपालिका के हाथ में है।
दर्शकों की उत्सुकता और संशय
दर्शक इस फिल्म का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, लेकिन अब मामला अदालत तक पहुंचने से उत्सुकता के साथ-साथ संशय भी पैदा हो गया है। कई लोग मानते हैं कि अगर फिल्म पर रोक लगती है तो इसका असर न केवल मेकर्स पर बल्कि फैंस पर भी पड़ेगा।
सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे पर बहस छिड़ गई है। कुछ लोग फिल्म का समर्थन कर रहे हैं तो कुछ न्यायपालिका के पक्ष में खड़े नजर आ रहे हैं।
आगे क्या होगा?
अब सबकी निगाहें 28 अगस्त को होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं। उस दिन यह तय होगा कि फिल्म अपने निर्धारित समय पर रिलीज होगी या इसकी रिलीज पर रोक लग जाएगी। साथ ही, यह भी देखना दिलचस्प होगा कि अक्षय कुमार और अरशद वारसी व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होते हैं या नहीं।
जॉली एलएलबी 3 के टीजर ने जहां दर्शकों को हंसी-ठिठोली का वादा किया था, वहीं अब यह फिल्म गंभीर विवाद में घिर गई है। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि न्यायपालिका की गरिमा से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब यह देखना बाकी है कि मेकर्स किस तरह अपना पक्ष रखते हैं और क्या यह फिल्म समय पर रिलीज हो पाती है या नहीं।