टीवी सीरियल अनुपमा का बुधवार 20 अगस्त 2025 का एपिसोड ड्रामा और इमोशन्स से भरपूर रहा। लंबे समय बाद दर्शकों को वह अनुपमा देखने को मिली जो किसी भी अन्याय के खिलाफ शेरनी की तरह खड़ी होती है। इस एपिसोड में न केवल पारिवारिक रिश्तों के कई पहलुओं पर प्रकाश डाला गया बल्कि दर्शकों को रोमांचित कर देने वाला टकराव भी देखने को मिला।
भावेश का दर्द
एपिसोड की शुरुआत अनुपमा के भाई भावेश की एंट्री से होती है। शादी जैसे खुशी के माहौल में वह बताता है कि उसकी नौकरी चली गई है। थोड़ी देर वह खुद को कोसता है कि क्यों उसने सबके बीच अपनी परेशानी बता दी, लेकिन बापूजी उसे समझाते हैं कि इंसान अपने दुख केवल अपनों से ही साझा करता है। इस दौरान अनुपमा उससे पूछती है कि वह अपनी पत्नी को क्यों नहीं लाया।
भावेश अपनी कहानी सुनाता है कि अगर वह पत्नी को साथ लाता तो केवल तमाशा होता। लीला, यानी मोटी बा, ताना देती हैं कि उसने उम्र के इस पड़ाव में शादी करके गलती की और अब उसी का नतीजा भुगत रहा है। माहौल कुछ देर गंभीर रहता है लेकिन जल्द ही सभी नाच-गाने में व्यस्त हो जाते हैं।
माही की पीड़ा
इस बीच माही को अपनी अधूरी शादी की रस्में याद आ जाती हैं। सबको खुशी मनाते देखकर उसका दिल भर आता है और वह मायूस होकर कमरे में चली जाती है। वहां वह खुद को आईने में देखती है और सोचती है कि उसकी जिंदगी इतनी बेरंग क्यों हो। अपने अकेलेपन से जूझती माही खुद ही सातों श्रृंगार करती है, यहां तक कि अपनी मांग में सिंदूर भी भर लेती है। यह दृश्य बेहद मार्मिक था जिसने दर्शकों के दिल को छू लिया।
वसुंधरा और ख्याति की एंट्री
जैसे ही माहौल थोड़ा सामान्य होता है, अचानक वसुंधरा कोठारी और ख्याति वहां पहुंच जाती हैं। शुरुआत में सबको लगता है कि शायद वे शादी की रस्मों में शामिल होने आई हैं, लेकिन जल्द ही उनका असली इरादा सामने आ जाता है। उनका मकसद प्रार्थना से उसका अधिकार छीनना था। यहीं से एपिसोड का सबसे बड़ा ट्विस्ट शुरू होता है।
अनुपमा का शेरनी वाला रूप
वसुंधरा और ख्याति की चालाकी सामने आते ही अनुपमा सीधे उनसे भिड़ जाती है। वह साफ कहती है कि बच्चे पर सबसे पहला हक मां का होता है और किसी को भी यह हक छीनने का अधिकार नहीं है। वसुंधरा जब धमकी देती है कि वह अपने पैसे और ताकत के दम पर यह हक छीनकर रहेगी, तो अनुपमा पूरे आत्मविश्वास से जवाब देती है—“अगर छीनना है तो छीनकर दिखाइए। आपने आज तक और किया भी क्या है, सिवाय दूसरों से छीनने के।”
दौलत बनाम शराफत
वसुंधरा जब अपनी दौलत का रौब झाड़ती है तो अनुपमा उसे करारा जवाब देती है। वह कहती है कि दौलत का अंदाजा तो सभी को है, लेकिन असली पहचान इंसान की शराफत से होती है। यहां अनुपमा का संवाद पूरे एपिसोड का हाईलाइट बन गया, जिसने दर्शकों को उनकी पुरानी शेरनी वाली छवि की याद दिला दी।
मोटी बा और ख्याति की बेइज्जती
अनुपमा के तीखे शब्दों और उसके आत्मविश्वास के सामने मोटी बा और ख्याति भी झुक जाती हैं। दोनों को वहां से खाली हाथ और बेइज्जत होकर लौटना पड़ता है। दर्शकों के लिए यह पल बेहद संतोषजनक रहा क्योंकि लंबे समय से वे अनुपमा को इस तरह मजबूत होते देखना चाहते थे।
क्लाइमैक्स में रोमांच
एपिसोड का क्लाइमैक्स बेहद रोमांचक था। अनुपमा और वसुंधरा के बीच जुबानी जंग ने पूरे माहौल को थ्रिलिंग बना दिया। रुपाली गांगुली द्वारा निभाया गया अनुपमा का किरदार एक बार फिर दर्शकों के दिलों में बस गया। यह साफ हो गया कि जब बात अपने परिवार और रिश्तों की आती है, तो अनुपमा किसी भी कीमत पर पीछे हटने वाली नहीं।
दर्शकों की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर इस एपिसोड को लेकर दर्शकों की प्रतिक्रियाएं उमड़ रही हैं। कई यूजर्स ने लिखा कि लंबे समय बाद अनुपमा को उसके असली रूप में देखकर मजा आ गया। वहीं कुछ दर्शकों ने माही के दर्दनाक दृश्य को एपिसोड का सबसे इमोशनल मोमेंट बताया। कुल मिलाकर यह एपिसोड ड्रामा, इमोशन और पावर-पैक परफॉर्मेंस का शानदार मिश्रण था।
20 अगस्त का अनुपमा एपिसोड इस सीजन के सबसे यादगार एपिसोड्स में गिना जाएगा। अनुपमा का शेरनी वाला अंदाज, माही का दर्द और वसुंधरा के साथ उसकी टक्कर ने कहानी को एक नए मोड़ पर पहुंचा दिया है। दर्शक अब उत्सुक हैं कि आगे क्या होगा और अनुपमा किस तरह अपने परिवार के हक और सम्मान की रक्षा करेगी।