टैक्स सीजन एक बार फिर शुरू हो चुका है और वित्तीय वर्ष 2024-25 (आकलन वर्ष 2025-26) के लिए आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करने की प्रक्रिया जारी है। खासकर उन लोगों के लिए जो पहली बार ITR भर रहे हैं, यह अनुभव कुछ जटिल लग सकता है। लेकिन यदि सही दस्तावेज और जानकारी समय से तैयार रखी जाए तो पूरी प्रक्रिया बेहद आसान और व्यवस्थित तरीके से पूरी की जा सकती है। आइए जानते हैं ITR फाइलिंग 2025 की पूरी गाइड और चेकलिस्ट।
फाइलिंग से पहले तैयार रखें ये दस्तावेज
- फॉर्म 16 – यह दस्तावेज आपके Employer द्वारा जारी किया जाता है। यदि आपने साल में नौकरी बदली है तो पिछले और वर्तमान दोनों नियोक्ताओं से फॉर्म 16 लेना जरूरी है। इसमें आपके वेतन से कटे गए TDS का विवरण होता है।
- पहचान प्रमाण – पैन कार्ड और आधार कार्ड अनिवार्य हैं। ध्यान दें कि दोनों आपस में लिंक्ड होने चाहिए।
- निवेश के प्रमाण – यदि आपने टैक्स सेविंग के लिए निवेश किया है तो उनके प्रमाणपत्र जैसे PPF, ELSS, होम लोन ब्याज प्रमाणपत्र, बीमा प्रीमियम रसीदें आदि तैयार रखें।
- फॉर्म 26AS – यह TRACES पोर्टल से डाउनलोड किया जा सकता है। इसमें पूरे वित्तीय वर्ष के दौरान आपके खिलाफ काटे गए TDS और टैक्स भुगतान का विवरण रहता है।
- AIS (Annual Information Statement) – इनकम टैक्स पोर्टल पर उपलब्ध यह स्टेटमेंट आपके ब्याज, डिविडेंड, शेयर लेनदेन और अन्य आय का पूरा विवरण देता है।
ITR फाइलिंग की अनिवार्यता
भारत में प्रत्येक निवासी को अपनी सभी आय (वेतन, व्यवसाय, किराया, पूंजीगत लाभ आदि) की रिपोर्टिंग करना आवश्यक है। भले ही आपकी आय टैक्सेबल सीमा से कम हो, कई स्थितियों में ITR भरना जरूरी हो सकता है, जैसे – उच्च मूल्य वाले लेनदेन, बैंक खाते में भारी नकद जमा या विदेशी संपत्ति का स्वामित्व।
फाइलिंग की डेडलाइन
- वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बिना लेट फीस ITR फाइल करने की आखिरी तारीख 15 सितंबर 2025 है।
- यदि आप इस तारीख तक रिटर्न दाखिल नहीं कर पाते तो 31 दिसंबर 2025 तक लेट फाइलिंग की सुविधा उपलब्ध होगी, लेकिन इस पर ₹1,000 से ₹10,000 तक का जुर्माना लग सकता है।
ITR कैसे फाइल करें?
- इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल (www.incometax.gov.in) पर लॉग इन करें।
- लॉगिन के लिए अपना PAN नंबर और पासवर्ड उपयोग करें।
- यदि आप नए यूजर हैं तो पहले पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा।
- अपनी आय और श्रेणी के अनुसार सही ITR फॉर्म चुनें (जैसे ITR-1, ITR-2, ITR-3)।
- ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड से ITR फाइल कर सकते हैं।
पुराना बनाम नया टैक्स रिजीम
वित्त वर्ष 2024-25 में टैक्सपेयर्स के पास पुरानी और नई टैक्स व्यवस्था (Old vs New Regime) में से चुनने का विकल्प है।
- पुरानी टैक्स व्यवस्था – इसमें टैक्स छूट और कटौतियां जैसे HRA, LTA, 80C, 80D आदि का लाभ मिलता है।
- नई टैक्स व्यवस्था – कम टैक्स दरें हैं लेकिन छूट और कटौतियां लगभग समाप्त कर दी गई हैं।
किस विकल्प से आपको फायदा होगा, यह आपकी आय और निवेश पर निर्भर करेगा। इसके लिए ऑनलाइन टैक्स कैलकुलेटर का उपयोग या किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट की सलाह लेना बेहतर रहेगा।
ITR में सुधार का विकल्प
यदि ITR फाइल करने के बाद आपको कोई गलती का पता चलता है तो घबराने की जरूरत नहीं है। इनकम टैक्स नियमों के अनुसार आप Revised Return भरकर अपनी त्रुटियों को सुधार सकते हैं। यह प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है।
सामान्य गलतियां जिनसे बचना चाहिए
- पैन और आधार को लिंक न करना।
- रिफंड प्राप्त करने वाले बैंक खाते का प्री-वेरिफिकेशन न करना।
- गलत ITR फॉर्म का चयन करना।
- समय सीमा के भीतर ITR और ई-सत्यापन न करना।
- आयकर विभाग से आए नोटिस को नजरअंदाज करना।
ITR का ई-सत्यापन क्यों जरूरी है?
रिटर्न दाखिल करने के बाद 30 दिनों के भीतर ई-सत्यापन करना अनिवार्य है। आप इसे आधार OTP, नेट बैंकिंग या EVC के जरिए कर सकते हैं। यदि आपने ई-सत्यापन नहीं किया तो आपकी रिटर्न ‘अमान्य’ मानी जाएगी और रिफंड प्रक्रिया भी रुक सकती है।
विशेषज्ञों की सलाह
टैक्स विशेषज्ञों का मानना है कि समय रहते ITR भरना और सभी दस्तावेजों को सही-सही दर्ज करना बेहद जरूरी है। खासकर पहली बार फाइल करने वालों को सतर्क रहना चाहिए ताकि किसी गलती के कारण जुर्माना या नोटिस का सामना न करना पड़े।
ITR फाइलिंग 2025 के लिए यह गाइड और चेकलिस्ट नए और अनुभवी दोनों तरह के टैक्सपेयर्स के लिए उपयोगी है। सही दस्तावेज, समयसीमा का पालन और सटीक जानकारी दर्ज करने से न केवल टैक्स कंप्लायंस आसान हो जाता है, बल्कि रिफंड प्रक्रिया भी तेजी से पूरी होती है। इसलिए यदि आपने अभी तक अपना ITR फाइल नहीं किया है तो तुरंत तैयारी शुरू करें और निर्धारित समयसीमा से पहले इसे पूरा करें।