Hindi News / Aaj Ka Rashifal (आज का राशिफल) : Today Horoscope / कुंडली कैसे पढ़ें? – शुरुआती गाइड 

कुंडली कैसे पढ़ें? – शुरुआती गाइड 

How to read a horoscope? - A beginners guide | कुंडली कैसे पढ़ें?

भारतीय ज्योतिष (Astrology) सदियों से मनुष्य के जीवन, स्वभाव और भविष्य को समझने का प्रमुख साधन रहा है। जन्म कुंडली (Janam Kundli – Birth Chart) को एक खगोलीय मानचित्र (Cosmic Map) कहा जाता है, जो जन्म के समय ग्रहों (Planets) की स्थिति को दर्शाता है।

कई लोग कुंडली देखते हैं लेकिन इसे सही तरह से पढ़ना (Interpret) थोड़ा मुश्किल लगता है, क्योंकि इसमें राशियाँ (Rashi – Zodiac Signs), भाव (Bhav – Houses), ग्रह (Graha – Planets), दृष्टि (Aspect), योग (Yoga) और दोष (Dosha) सहित कई तत्व शामिल होते हैं।

लेकिन जब ये मूल बातें ठीक से समझ में आ जाती हैं, तो कुंडली पढ़ना न केवल आसान हो जाता है बल्कि बेहद रोचक (Interesting) और गहन (Insightful) भी महसूस होता है।

यह गाइड खास उन लोगों के लिए है जो बिल्कुल शुरुआती हैं और जानना चाहते हैं कि एक जन्म कुंडली से क्या-क्या जानकारी (What info) निकाली जा सकती है और इसे step-by-step कैसे पढ़ा जाए।

कुंडली क्या होती है? (What is a Kundli?)

कुंडली (Kundli / Horoscope) एक चार्ट है जो व्यक्ति के:

  • जन्म समय (Birth Time)
  • जन्म तिथि (Date of Birth)
  • जन्म स्थान (Birth Place)

के आधार पर बनाया जाता है।

इसमें यह दर्शाया जाता है कि जन्म के समय 9 ग्रह (Navgrah) किस राशि (Zodiac Sign) और किस भाव (House) में बैठे थे।

कुंडली से हमें जानकारी मिलती है:

  • स्वभाव (Personality)
  • करियर (Career)
  • विवाह (Marriage)
  • धन (Finances)
  • स्वास्थ्य (Health)
  • परिवार (Family Life)
  • शिक्षा (Education)
  • भाग्य (Luck)
  • भविष्य के अवसर (Opportunities)

इस तरह कुंडली एक व्यक्ति के पूरे जीवन का खाका प्रस्तुत करती है।

कुंडली पढ़ने के लिए आवश्यक मूल तत्व (Basic Elements)

कुंडली पढ़ते समय 5 मूलभूत बातें समझना बहुत ज़रूरी है:

12 राशियाँ (12 Zodiac Signs)

ये 12 राशियाँ हैं- मेष, वृषभ, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ, मीन

हर राशि का अपना:

  • स्वभाव (Nature)
  • गुण (Qualities)
  • तत्व (Element)
  • प्रभाव (Impact)

होता है।

12 भाव (12 Houses)

कुंडली 12 हिस्सों में बंटी होती है और हर भाव जीवन के एक खास क्षेत्र को दर्शाता है:

1st – व्यक्तित्व (Personality)
2nd – धन (Wealth)
3rd – साहस (Courage)
4th – माता (Mother)
5th – शिक्षा (Education)
6th – रोग (Diseases)
7th – विवाह (Marriage)
8th – आयु (Longevity)
9th – भाग्य (Luck)
10th – करियर (Profession)
11th – लाभ (Income)
12th – विदेश/खर्च (Foreign/Expenses)

हर भाव का महत्व अलग होता है।

9 ग्रह (9 Planets)

  • सूर्य (Sun)
  • चंद्र (Moon)
  • मंगल (Mars)
  • बुध (Mercury)
  • गुरु (Jupiter)
  • शुक्र (Venus)
  • शनि (Saturn)
  • राहु (Rahu)
  • केतु (Ketu)

हर ग्रह अलग ऊर्जा और प्रभाव लेकर आता है।

लग्न (Lagna – Ascendant)

जन्म के समय पूर्व दिशा में जो राशि उदित होती है, वही लग्न कहलाती है। यही कुंडली की शुरुआत है और पूरा चार्ट इसी पर आधारित होता है।

दृष्टि (Aspects)

हर ग्रह अपनी दृष्टि से अन्य ग्रहों और भावों को प्रभावित करता है।
उदाहरण:

  • मंगल → 4th, 7th, 8th दृष्टि
  • गुरु → 5th, 7th, 9th दृष्टि
  • शनि → 3rd, 7th, 10th दृष्टि

ये दृष्टियाँ कुंडली के परिणामों को बदल सकती हैं।

कुंडली पढ़ने के प्रारंभिक चरण (Step-by-Step Guide)

अब बात करते हैं कुंडली पढ़ने के वास्तविक चरणों की:

Step 1: लग्न पहचानें (Identify Ascendant)

कुंडली की पहली और सबसे महत्वपूर्ण चीज होती है लग्न। लग्न बताता है:

  • कुंडली किस राशि से शुरू होगी
  • कौन सा भाव कहाँ पड़ेगा
  • ग्रह किस संदर्भ में काम करेंगे

उदाहरण: यदि लग्न सिंह है : पहला भाव सिंह से शुरू होगा।

Step 2: ग्रह किस भाव में बैठे हैं? (Planets in Houses)

भाव यह तय करता है कि ग्रह जीवन के किस क्षेत्र को प्रभावित करेगा।

उदाहरण: बुध यदि 2nd भाव में हो : व्यक्ति बुद्धिमान, बातचीत में कुशल और आर्थिक रूप से स्थिर हो सकता है।

Step 3: ग्रह किस राशि में हैं? (Planet’s Sign)

ग्रह का असर उसकी राशि बदलने से बदल जाता है।

  • शनि तुला में → उच्च (Exalted)
  • मंगल कर्क में → नीच (Debilitated)

Step 4: ग्रह की शक्ति देखें (Strength of Planets)

ग्रह:

  • उच्च
  • नीच
  • स्वगृह
  • मित्र राशि
  • शत्रु राशि

में हो सकता है। मजबूत ग्रह अच्छे फल देते हैं।

Step 5: ग्रहों की दृष्टि देखें (Check Aspects)

किस ग्रह ने किस भाव पर दृष्टि डाली? दृष्टि अच्छे या बुरे दोनों परिणाम दे सकती है।

Step 6: योग और दोष पहचानें (Yogas & Doshas)

कुंडली में कुछ संयोजन विशेष फल देते हैं:

योग (Positive Yogas)

  • राज योग
  • धन योग
  • गज-केसरी योग
  • पंच महापुरुष योग

दोष (Negative Influence)

  • मंगलीक दोष
  • कालसर्प दोष

योग जीवन को उठाते हैं और दोष चुनौतीपूर्ण बना देते हैं।

Step 7: दशा प्रणाली देखें (Vimshottari Dasha)

दशा बताती है कि वर्तमान समय में कौन सा ग्रह सक्रिय है।

उदाहरण: अगर शुक्र महादशा चल रही है → शुक्र से जुड़े परिणाम मजबूत होंगे।

कुंडली पढ़ते समय शुरुआती लोगों की सामान्य गलतियाँ

केवल राशि देखकर निर्णय लेना

कुंडली सिर्फ राशि नहीं होती – पूरा चार्ट देखना ज़रूरी है।

ग्रहों की दृष्टि को न देखना

दृष्टि परिणामों को पूरी तरह बदल देती है।

योगों को हमेशा शुभ मान लेना

हर योग हर व्यक्ति की कुंडली में अच्छे फल नहीं देता।

दशा और गोचर को नजरअंदाज करना

ज्योतिष = ग्रह + भाव + दशा + गोचर
चारों को मिलाकर ही भविष्य बताया जाता है।

कुंडली पढ़ने के उपयोगी सुझाव (Helpful Tips)

  • पहले 12 भाव, 12 राशियों और 9 ग्रहों को अच्छी तरह समझें।
  • लग्न कुंडली से शुरुआत करें, फिर चंद्र कुंडली देखें।
  • ग्रहों की दृष्टियाँ नोट करें।
  • हर ग्रह का हर भाव में प्रभाव अलग-अलग लिखकर अभ्यास करें।
  • उदाहरण कुंडलियाँ देखकर सीखें।

धैर्य और निरंतर अभ्यास से कुंडली पढ़ने में महारत मिलती है।

Conclusion (निष्कर्ष)

कुंडली पढ़ना एक कला (Art) और विज्ञान (Science) दोनों है। जब आप राशियाँ, भाव, ग्रह, लग्न, दृष्टि, योग और दशा जैसे मूल सिद्धांत समझ लेते हैं, तो कुंडली पढ़ना न केवल आसान बल्कि बेहद ज्ञानवर्धक हो जाता है।

कुंडली सिर्फ भविष्य बताने का साधन नहीं है – यह स्वयं को समझने का मार्ग है। यह आपको जीवन की दिशा, सही निर्णय और अपने स्वभाव को जानने में मदद करती है।

शुरुआत में यह कठिन लग सकता है, लेकिन धीरे-धीरे यह एक अत्यंत रोचक और जीवन बदलने वाला अनुभव बन जाता है।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

कुंडली पढ़ते समय सबसे महत्वपूर्ण क्या है?

लग्न, ग्रह, भाव और दशा-ये चार सबसे महत्वपूर्ण हैं।

क्या ऑनलाइन कुंडली सटीक होती है?

हाँ, यदि जन्म विवरण सही है।

कुंडली पढ़ना सीखने में कितना समय लगता है?

3-6 महीनों में मूल ज्ञान आसानी से आ सकता है।

क्या कुंडली भविष्य निश्चित बताती है?

नहीं। यह सिर्फ दिशा और संभावनाएँ बताती है-अंतिम परिणाम कर्म और परिस्थितियों पर निर्भर करते हैं।

Share to...