क्यों की जाती है चाँद की पूजा?

जानिए इस परंपरा के पीछे का सुंदर कारण

करवा चौथ का व्रत सूर्योदय से लेकर चाँद निकलने तक रखा जाता है। चाँद के दर्शन के बाद ही महिलाएं व्रत तोड़ती हैं। चाँद व्रत पूर्ण होने का साक्षी माना जाता है।

चंद्रदेव का महत्व हिंदू धर्म में चंद्रदेव को दीर्घायु और सौभाग्य का प्रतीक माना गया है। महिलाएं चाँद को अर्घ्य देकर पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं।

चाँद और मन का संबंध चंद्रमा को मन का स्वामी ग्रह कहा गया है। इस दिन व्रत रखने से मन और आत्मा दोनों शुद्ध माने जाते हैं।

प्रेम का प्रतीक छलनी से चाँद और फिर पति का चेहरा देखने की परंपरा, पति-पत्नी के प्यार और विश्वास का प्रतीक है।

करवा चौथ की चाँद पूजा केवल परंपरा नहीं, बल्कि भक्ति, प्रेम और आस्था का सुंदर संगम है।